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આજની આકાશવાણી

वह चीज जो दूर दिखाई देती है, जो असंभव दिखाई देती है, जो हमारी पहुच से बहार दिखाई देती है, वह भी आसानी से हासिल हो सकती है यदि हम तप करते है. क्यों की तप से ऊपर कुछ नहीं. That thing which is distant, that thing which appears impossible, and that which is far beyond our reach, can be easily attained through tapasya (religious austerity), for nothing can surpass austerity.

Tuesday, December 08, 2015

● रानी की वाव -एक झलक ●


 रानी की वाव  

▶रानी की वाव भारत के
गुजरात राज्य के पाटण में 
 स्थित प्रसिद्ध बावड़ी  (सीढ़ीदार कुआँ) है। 

▶22 जून 2014 को इसे यूनेस्को के विश्व विरासत स्थलमें सम्मिलित किया गया

  ▶पाटण को पहले 'अन्हिलपुर' के नाम से जाना जाता था, जो गुजरात की पूर्व राजधानी थी। 

▶कहते हैंकि रानी की वाव वर्ष 1063 में सोलंकी शासनके राजा भीमदेव  प्रथमकी याद में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने बनवाया था। 

▶यह वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा ↔तथा 27 मीटर गहरा है। 

▶यह भारत में अपनी तरह का अनूठा वाव है। 

▶वाव के खंभे सोलंकी वंश और उनके वास्तुकला के चमत्कार के समय में ले जाते हैं।

▶वाव की दीवारों और स्तंभों पर अधिकांश नक्काशियां राम, वामन, महिषासुर मर्दिनी ,कल्कि, आदि जैसे अवतारों के विभिन्न रूपों में भगवान विष्णुको समर्पित हैं

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