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આજની આકાશવાણી

वह चीज जो दूर दिखाई देती है, जो असंभव दिखाई देती है, जो हमारी पहुच से बहार दिखाई देती है, वह भी आसानी से हासिल हो सकती है यदि हम तप करते है. क्यों की तप से ऊपर कुछ नहीं. That thing which is distant, that thing which appears impossible, and that which is far beyond our reach, can be easily attained through tapasya (religious austerity), for nothing can surpass austerity.

Saturday, November 21, 2015

108 फुट दुनिया का सबसे ऊँचा शिवलिंग –कोटिलिंगेश्वर महादेव

आपने पूरी दुनिया में भगवान् भोलेनाथ की महिमा के अनेकों किस्से सुने होंगे उनके एक से बढ़कर एक बड़े-बड़े मंदिर भी देखें होंगे लेकिन क्या आपने कभी भगवान् भोलेनाथ के 108 फुट ऊँचे विशाल शिवलिंग के बारे में सुना या फिर देखा है अगर नहीं तो आइये देखते है I

कर्नाटक राज्य के कोल्लार जिले के एक गाँव काम्मासांदरा में भगवान् भोलेनाथ का एक अद्वतीय और अति विशाल शिवलिंग स्थित है I भगवान् भोलेनाथ के इस विशाल शिवलिंग को पूरी दुनिया में ‘कोटिलिंगेश्वर’ के नाम से जाना जाता है I यहाँ पर दर्शन करने आने वाले भक्तों का कहना है कि जो भी व्यक्ति यहाँ पर आता है और श्रधा से बाबा भोलेनाथ से कोई भी अनुग्रह करता है तो वह उसकी मुराद को अवश्य ही पूरा करते है I

15 एकड़ के विस्तृत क्षेत्रफल में स्थित यह मंदिर अपनी भव्यता और विशालता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है I यह मंदिर कई मामलों में अपने आप में दुनिया का इकलौता मंदिर भी है I यहाँ पर जो शिवलिंग है वह अपने आप में पूरी दुनिया का सबसे विशाल शिवलिंग है और इसकी उंचाई 108 फुट है I

इसके अलावा यहाँ पर प्रतिदिन आने वाले उन भक्तों के द्वारा शिवलिंगों की स्थापना भी की जाती है जिनकी मान्यता पूरी हो जाती है और इस तरह से लोगों के द्वारा मान्यता पूरी होने और उनके द्वारा शिवलिंग की स्थापना से यहाँ पर तक़रीबन 1 करोंड या फिर उससे भी अधिक शिवलिंग स्थापित हो चुके है I

यहाँ पर लोगों के आकर्षण का एक और केंद्र है भगवान् भोलेनाथ के ही साथ विराजित हैं नंदी I नंदी को भगवान् भोलेनाथ का भक्त और उनकी सवारी भी माना जाता है I यहाँ पर विराजित नंदी की ऊंचाई 35 फुट है और वह एक 60 फुट लम्बे और 40 फुट चौड़े चबूतरे पर स्थापित है I इस विशाल शिवलिंग के चारों ओर देवी पार्वती, भगवान् गणेश, भगवान् कार्तिकेय तथा नंदी कुछ इस तरह से विराजमान है जैसे वह सब अपने-अपने आराध्य को अपनी पूजा अर्पण कर रहे हो I

मंदिर के मुख्यभाग में प्रवेश करने पर यहाँ पर भगवान् भोलेनाथ ‘कोटिलिंगेश्वर के रूप में विराजित है और यहाँ पर आये अपने सभी भक्तों की सभी मुरादें भी पूरी करते है I मंदिर परिसर में भगवान् ‘कोटिलिंगेश्वर’ के साथ ही साथ 11 और भी मंदिर है जिनमें ब्रहा जी, भगवान् विष्णु, अन्नपूर्णा देवी आदि है I

कहा है यह मंदिर –

इस पवित्र मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको बेंगलुरु-चेन्नई रोड पर यह बेंगलुरु से ८७ की.मी. तथा कोलार की सोने की खदानों से ६ की.मी. की दूरी तक जाना पड़ेगा I

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