નમસ્કાર...મિત્રો આપ સૌનું મારા આ શૈક્ષણિક બ્લોગમાં સ્વાગત છે,અહીંં વિવિધ સંદર્ભોમાંથી સંકલિત કરેલ તેમજ મારા દ્વારા બનાવેલ શૈક્ષણિક સામગ્રી મુકવાનો એક નમ્ર પ્રયાસ છે..આશા છે કે આપને અહીં વારંવાર આવવાનુ ગમશે.

આજની આકાશવાણી

वह चीज जो दूर दिखाई देती है, जो असंभव दिखाई देती है, जो हमारी पहुच से बहार दिखाई देती है, वह भी आसानी से हासिल हो सकती है यदि हम तप करते है. क्यों की तप से ऊपर कुछ नहीं. That thing which is distant, that thing which appears impossible, and that which is far beyond our reach, can be easily attained through tapasya (religious austerity), for nothing can surpass austerity.

Monday, December 07, 2015

प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें और मुहावरे।

प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें और मुहावरे |
Hindi Idioms
1. ऊपर-ऊपर बाबाजी, भीतर दगाबाजी – बाहर से अच्छा, भीतर से बुरा
2. आप डूबे जग डूबा – जो स्वंय बुरा होता है, दूसरों को भी बुरा समझता है
3. अधजल गगरी छलकत जाय – थोड़ी विद्या, धन या बल होने पर इतराना
4. हँसुए के ब्याह में खुरपे का गीत – बेमौका
5. बकरे की माँ कब तक खैर मनायेगी – भय की जगह पर कब तक रक्षा होगी
6. अंधों के आगे रोना, अपना दीदा खोना – निर्दयी या मूर्ख के आगे दु:खड़ा रोना बेकार होता है
7. ओछे की प्रीत बालू की भीत – नीचों का प्रेम क्षणिक
8. अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग – परस्पर संगठन या मेल न रखना
9. सत्तर चूहे खाके बिल्ली चली हज को – जन्म भर बुरा करके अन्त में धर्मात्मा बनना 10. बाँझ क्या जाने प्रसव की पीड़ा – जिसको दु:ख नहीं हुआ है वह दूसरे के दु:ख को समझ नहीं सकता
11. अपनी करनी पार उतरनी – किये का फल भोगना
12. कहे खेत की, सुने खलिहान की – हुक्म कुछ और करना कुछ और
13. आगे कुआँ, पीछे खाई – हर तरफ हानि का आशंका
14. सीधी उँगली से घी नहीं निकलता – सिधाई से काम नहीं होता
15. गाँव का जोगी जोगड़ा, आन गाँव का सिद्ध – बाहर के व्यक्तियों का सम्मान, पर अपने यहाँ के व्यक्तियों की कद्र नहीं
16. आग लगन्ते झोंपड़ा जो निकले सो लाभ – नष्ट होती हुई वस्तुओं में से जो निकल आये वह लाभ ही है
17. दमड़ी की बुलबुल, नौ टका दलाली – काम साधारण, खर्च अधिक
18. ऊँट बहे और गदहा पूछे कितना पानी – जहाँ बड़ों का ठिकाना नहीं, वहाँ छोटों का क्या कहना
19. सब धान बाईस पसेरी – अच्छे-बुरे सबको एक समझना
20. एक अनार सौ बीमार – एक वस्तु को सभी चाहनेवाले .

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