26 जनवरी
शाके 06 गते 13
कृष्ण पक्ष, द्वितीया
मघा
हि. 15, मंगल, जब्हा
बंगला- 11
गणतंत्र दिवस
● जम्मू और कश्मीर स्थापना दिवस
जम्मू और कश्मीर स्थापना दिवस 26 जनवरी को बनाया जाता है। जम्मू और कश्मीर 26 जनवरी 1947 को स्थापित हुआ था। सन 1947 में जम्मू पर डोगरा शासकों का शासन रहा। इसके बाद महाराज हरि सिंह ने 26 अक्तूबर, 1947 को भारतीय संघ में विलय के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिये।
जम्मू और कश्मीर
मुख्य लेख : जम्मू और कश्मीर
एक भारतीय राज्य, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वतश्रेणियों के निकट स्थित है। पहले यह भारत की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (दोनों चीन के भाग) से, दक्षिण में हिमाचल प्रदेश व पंजाब राज्यों से, पश्चिम में पाकिस्तान और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भूभाग से घिरा है। जम्मू-कश्मीर राज्य के पश्चिम मध्य हिस्से के पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में देवसई पर्वत है। इस राज्य की राजधानी ग्रीष्मकाल में श्रीनगर और शीतकाल में जम्मू राजधानी रहती है।
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●आज के दिन जन्मे●
◆रानी गाइदिनल्यू◆
पूरा नाम- रानी गाइदिनल्यू
जन्म-26 जनवरी, 1915
जन्म भूमि-मणिपुर, भारत
मृत्यु-17 फ़रवरी, 1993
कर्म भूमि-भारत
पुरस्कार-उपाधि-पद्मभूषण
प्रसिद्धि- स्वतंत्रता सेनानी
नागरिकता- भारतीय
अन्य जानकारी-झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के समान ही वीरतापूर्ण कार्य करने के लिए रानी गाइदिनल्यू को 'नागालैण्ड की रानी लक्ष्मीबाई' कहा जाता है।
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● आज के दिन हुए मृत्यु◆
◆माधव श्रीहरि अणे
माधव श्रीहरि अणे (अंग्रेज़ी: Madhav Shrihari Aney, जन्म- 29 अगस्त, 1880 - मृत्यु: 26 जनवरी, 1968) भारत की आज़ादी के लिए संघर्ष करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। इनके पिता एक विद्वान व्यक्ति थे। माधव श्रीहरि अणे लोकमान्य तिलक से अत्यधिक प्रभावित थे। ये कुछ समय तक 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' के सदस्य भी रहे। गाँधी जी के 'नमक सत्याग्रह' के समय इन्होंने भी जेल की सज़ा भोगी। 1943 से 1947 ई. तक ये श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त भी रहे। आज़ादी प्राप्त करने के बाद इन्हें बिहार का राज्यपाल भी बनाया गया था।
◆मानवेन्द्र नाथ राय◆
मानवेन्द्र नाथ राय (जन्म- 21 मार्च, 1887 ई., पश्चिम बंगाल; मृत्यु- 26 जनवरी, 1954 ई.) वर्तमान शताब्दी के भारतीय दार्शनिकों में क्रान्तिकारी विचारक तथा मानवतावाद के प्रबल समर्थक थे। इनका भारतीय दर्शनशास्त्र में भी बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। मानवेन्द्र नाथ राय ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी संगठनों को विदेशों से धन व हथियारों की तस्करी में सहयोग दिया था। सन 1912 ई. में वे 'हावड़ा षड़यंत्र केस' में गिरफतार भी कर लिये गए थे। इन्होंने भारत में 'कम्युनिस्ट पार्टी' की स्थापना में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।
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