चिकनगुनिया एक खतरनाक रोग है। यह अब तेजी से फैल रहा है। चिकनगुनिया रोग मच्छर के काटने से होता है। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से बचना जरूरी है।
चिकनगुनिय मच्छर के काटने के तीन दिनों के बाद होता है। वैदिक वाटिका आपको बता रही है चिकनगुनिया के लक्षण और इससे बचने के प्राकृतिक आयुवेर्दिक उपायों को।
चिकनगुनिया के सामान्य लक्ष्ण
वैसे तो चकिनगुनिया के लक्षण भी किसी भी बुखार की तरह होता है, लेकिन जो मुख्य लक्षण हैं वे हैं :
उल्टी और चक्कर आना
सर्दी होना
सिर में तेज दर्द होना
चक्कर आना
घबराहट होना
शरीर पर लाल रंग के चकते या रैशेज का दिखना
जोड़ों में दर्द होना।
आइये अब जानते हैं कैसे आयुवेर्दिक प्राकृतिक घरेलू उपायों के इस्तेमाल से आप चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकते हो।
इस बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप रोगी को पानी की कमी न होने दें। समय समय पर पानी पिलाते रहें। और उसके खाने पर विशेष ध्यान दें।
आयुवेर्दिक घरेलू उपचार चिकनगुनिया से बचने के
तुलसी, काली मिर्च और अदरक
यदि आपको लगता है कि रोगी के शरीर में चिकनगुनिया के लक्षण साफ.साफ दिख रहें हैं तो रोगी को रोज काली मिर्च,अदरक, गिलोय और तुलसी आदि का सेवन कराएं। आप इनमें से किसी भी एक चीज का प्रयोग कर सकते हो। ये प्राकृतिक वैदिक औषधि आपके इम्युनिटी को खराब होने से बचाती है। और शरीर से टाॅक्सिन को बाहर निकालने में मदद करते हैं।
सब्जियों का जूस
चिकनगुनिया से बचने का दूसरा सरल उपाय है कि आप जितना हो सके सब्जियों और स्ट्रिस फलों का सेवन अधिक से अधिक करें। इसके अलावा आप सब्जियों के जूस का सेवन भी कर सकते हो। यह उपाय चिकनगुनिया को जड़ से खत्म कर सकता है।
गिलोय का सेवन
कम से कम तीन इंच का गिलोय लें। और इसे एक कप पानी में डालें और उबाल लें। इसे इतना उबालें जब.जब तक पानी आधा कप ना हो जाए। और इसे ठंडा करके सेवन करें। इससे चिकनगुनिया के वायरस शरीर पर काम नहीं करते हैं।
पपीता का सेवन
जब भी चिकनगुनिया के लक्षण दिखें तब आप पपीते का सेवन जरूर करें। कच्चे पपीते का रस पीना बहुत ही फायदेमंद होता है।
नींबू और संतरा
जितना हो सके नींबू व संतरा का एकदम ताजा जूस पीएं। नींबू का पानी खूब पीएं। इस उपाय से आपका चिकनगुनिया बहुत ही जल्दी ठीक हो जाएगा।
तुलसी पत्ते का काढ़ा
चिकनगुनिया बहुत ही खतरनाक रोग है। इसलिए इससे बचने के लिए आप तुलसी के पत्तों से बना काढ़ा पींए। तुलसी के काढ़े में काली मिर्च को पीसकर मिलाकर उसका सेवन करने से बहुत ही फायदा मिलता है। इसका नियमित सेवन करने से चिकनगुनिया का वायरस खत्म हो जाता है।
यदि आप इन उपायों को अपनाते हैं तो इससे आपको चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारी से आसानी से बच सकते हो
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Thursday, September 15, 2016
चिकनगुनिया के लक्ष्ण और घरेलू उपचार – अदरक, गिलोय और तुलसी
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